नई दिल्ली:
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद बांग्लादेश की स्थिति पर सर्वदलीय बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर से तीन प्रमुख प्रश्न पूछे।
सूत्रों के अनुसार, श्री गांधी ने पूछा कि ढाका में सत्ता परिवर्तन के कूटनीतिक प्रभावों से निपटने के लिए सरकार की अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति क्या है। मंत्री ने जवाब दिया कि यह एक विकासशील स्थिति है और केंद्र इसका बारीकी से विश्लेषण कर रहा है ताकि वह अपना अगला कदम ठीक से तय कर सके।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा कि क्या ढाका में पिछले कुछ हफ्तों में हुए नाटकीय घटनाक्रमों में विदेशी ताकतों, खास तौर पर पाकिस्तान की संलिप्तता हो सकती है, जिसकी परिणति हसीना को सत्ता से बेदखल करने में हुई। केंद्र ने जवाब दिया कि वह इस एंगल की जांच कर रहा है। एक सूत्र ने यह भी बताया कि सरकार ने कहा है कि एक पाकिस्तानी राजनयिक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश में स्थिति को दर्शाने के लिए लगातार अपने सोशल मीडिया डिस्प्ले पिक्चर को बदल रहा था। केंद्र ने कहा कि वह जांच कर रहा है कि क्या यह किसी बड़ी बात की ओर इशारा करता है।
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या नई दिल्ली ने बांग्लादेश में घटनाओं के नाटकीय मोड़ को पहले से ही भांप लिया था। इस पर विदेश मंत्री ने जवाब दिया कि भारत स्थिति पर नज़र रख रहा है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पड़ोस संकट से निपटने में नरेन्द्र मोदी सरकार को अपना पूर्ण समर्थन देने का वचन दिया है।
बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने विपक्ष के सर्वसम्मति से समर्थन की सराहना करते हुए एक्स पर एक पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा, “आज संसद में सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश में चल रहे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। सर्वसम्मति से मिले समर्थन और समझ की सराहना करता हूं।”
आज संसद में आयोजित सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश में चल रहे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी।
जो सर्वसम्मत समर्थन और समझदारी प्रदान की गई, उसकी सराहना करता हूँ। pic.twitter.com/tiitk5M5zn
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) 6 अगस्त, 2024
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। बैठक में केंद्र ने सभी दलों के सांसदों को बांग्लादेश में संकट की पृष्ठभूमि और यह कैसे इस मुकाम तक पहुंचा, के बारे में बताया। उन्हें वहां की स्थिति के बारे में भी बताया गया और बताया गया कि कैसे सुश्री हसीना प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके आवास पर हमला किए जाने के बाद भारत भाग गईं।
सुश्री हसीना अभी भी भारत में हैं और राजनीतिक शरण के लिए उनके ब्रिटेन जाने की संभावना है। केंद्र ने सर्वदलीय बैठक में यह भी बताया कि वह सुश्री हसीना को किस तरह जवाब देने की योजना बना रही है, जिन्हें नई दिल्ली की पुरानी मित्र माना जाता है। सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली उन्हें अपना अगला कदम तय करने के लिए समय देना चाहती है।
सरकार ने बैठक में यह भी बताया कि वह बांग्लादेश की सेना के संपर्क में है, जिसने अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की है। सरकार ने विपक्षी दलों से कहा कि वह घटनाक्रम पर करीब से नज़र रख रही है और सही समय पर उचित कार्रवाई करेगी।
बांग्लादेश में करीब 20,000 भारतीय नागरिक हैं और करीब 8,000 वापस आ चुके हैं। सरकार उनसे संपर्क में है और उच्चायोग काम कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की रिपोर्ट पर भी नज़र रख रहा है।
बैठक के बाद NDTV से बात करते हुए कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि भारत की प्राथमिक चिंता बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सीमा पर स्थिति है। यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष सरकार द्वारा स्थिति से निपटने के तरीके से संतुष्ट है, उन्होंने कहा, “यह तथ्य कि विदेश मंत्री ने सभी पार्टी नेताओं को जानकारी दी, एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। और जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है, हम सरकार के साथ हैं।”