03 सितंबर, 2024 08:55 पूर्वाह्न IST
हिंदू सेना के अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को इस श्रृंखला को सार्वजनिक रूप से देखने पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
ओटीटी सीरीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। आईसी 814: कंधार अपहरण अपहर्ताओं की वास्तविक पहचान के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के आरोपों पर यह याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मिनीसरीज ग़लती से दिखाती है असली अपहरणकर्ताओं के हिंदू नाम थे, जिनमें ‘भोला’ और ‘शंकर’ शामिल थे, जो भगवान शिव के अन्य नाम हैं, जिससे हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत हुईं। (यह भी पढ़ें – आईसी-814: कंधार अपहरण जांच के दायरे में, लेकिन क्या नेटफ्लिक्स ने सचमुच आतंकवादियों के नाम बदल दिए हैं?)
हिंदू सेना के अध्यक्ष और किसान सुरजीत सिंह यादव द्वारा दायर याचिका में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) का प्रमाण पत्र रद्द करने और श्रृंखला के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है, “अपहर्ताओं की वास्तविक पहचान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने से न केवल ऐतिहासिक घटनाओं का गलत चित्रण होता है, बल्कि हानिकारक रूढ़िवादिता और गलत सूचना भी फैलती है, जिससे सार्वजनिक गलतफहमी और संभावित नुकसान को रोकने के लिए इस अदालत के हस्तक्षेप की आवश्यकता है।”
इस बीच, केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स इंडिया के कंटेंट प्रमुख को सीरीज को लेकर तलब किया है, जिसमें अपहर्ताओं के चित्रण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें कहा गया है कि किसी को भी राष्ट्र की भावनाओं के साथ खेलने का अधिकार नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स इंडिया के कंटेंट प्रमुख को मंगलवार को तलब किया है और उनसे सीरीज के कथित विवादास्पद पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें 1999 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन द्वारा इंडियन एयरलाइंस के विमान के अपहरण की घटना को दर्शाया गया है।
अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित यह सीरीज 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स इंडिया पर रिलीज हुई थी।
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