मुंबई:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार फिनटेक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत स्तर पर विभिन्न कदम उठा रही है। पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में 31 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है। एंजल टैक्स को समाप्त करना भी इस क्षेत्र के विकास की दिशा में एक कदम है।
यहां ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने नियामकों से साइबर धोखाधड़ी रोकने तथा लोगों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए और कदम उठाने को कहा।
उन्होंने कहा, “वित्तीय सेवाओं के लोकतंत्रीकरण में फिनटेक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीयों द्वारा फिनटेक को अपनाना “गति और पैमाने की दृष्टि से बेजोड़ है” तथा दुनिया में कहीं और ऐसा उदाहरण नहीं मिल सकता।
उन्होंने कहा कि भारत में फिनटेक क्षेत्र द्वारा लाया गया परिवर्तन केवल प्रौद्योगिकी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक प्रभाव दूरगामी है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि फिनटेक ने समानांतर अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है और वित्तीय सेवाओं के मोर्चे पर गांवों और शहरों के बीच की खाई को पाट रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में फिनटेक क्षेत्र ने 31 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश आकर्षित किया है और फिनटेक स्टार्टअप्स में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत में त्योहारों का मौसम है और अर्थव्यवस्था तथा बाजारों में भी उत्सव का माहौल है। उनका स्पष्ट इशारा मजबूत जीडीपी वृद्धि और पूंजी बाजार के नई ऊंचाइयों पर पहुंचने की ओर था।
प्रधानमंत्री मोदी ने उपस्थित लोगों को यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 27 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए गए हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी माइक्रोफाइनेंस योजना है।
इस अवसर पर बोलते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकियां वित्तीय समावेशन का विस्तार करने, दक्षता में सुधार लाने और देश भर में वास्तविक समय पर सेवाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
श्री दास ने कहा, “आज भारत डिजिटल भुगतान में वैश्विक नेता के रूप में खड़ा है, यह उपलब्धि सक्रिय नीति-निर्माण को नवाचार और तकनीकी प्रगति के साथ जोड़कर हासिल की गई है। नीति निर्माताओं, नियामकों और नवप्रवर्तकों के बीच सहयोग भारत की फिनटेक यात्रा का परिभाषित तत्व है।”
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के नियामक ढांचे ने नए और नवोन्मेषी व्यवसायों को व्यवस्थित तरीके से बढ़ने में मदद की है।
उन्होंने कहा, “ये नियामक पहल, नवाचार को विवेकपूर्ण तरीके से समर्थन देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। हमारा सहयोगात्मक दृष्टिकोण इस तथ्य से स्पष्ट होता है कि हमने पिछले एक वर्ष में फिनटेक क्षेत्र के खिलाड़ियों के साथ बड़ी संख्या में बातचीत की है।”
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)