उत्तर बंगाल के चोपड़ा में भीड़ द्वारा न्याय की भयावह घटना को लेकर आलोचनाओं से घिरी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि इस तरह के अपराधों के प्रति उसकी नीति शून्य सहनशीलता की है और उसने भाजपा शासित राज्यों तथा बंगाल में पूर्ववर्ती माकपा शासन के साथ तुलना करते हुए जवाबी हमला शुरू कर दिया है।
वरिष्ठ तृणमूल नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. शांतनु सेन ने कहा, “तृणमूल कांग्रेस पार्टी और हमारी सरकार चोपड़ा में जो कुछ हुआ उसका समर्थन नहीं करती। पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया है और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है और अगर कोई और इसमें शामिल है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
प्रतिद्वंद्वियों, वाम दलों और भाजपा पर जवाबी हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल में जब सीपीएम सत्ता में थी, तब ऐसी कई घटनाएं हुईं। “लेकिन हमने कभी किसी सीपीएम नेता को यह कहते नहीं देखा कि यह गलत है। भाजपा शासित राज्यों में भी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन हमने कभी किसी भाजपा नेता को यह कहते नहीं सुना कि यह गलत है। यह केवल बंगाल में ही हो सकता है क्योंकि तृणमूल कांग्रेस की जीरो टॉलरेंस नीति है और हम इसे केवल कहते नहीं हैं, बल्कि करते भी हैं,” उन्होंने कहा।
एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति एक महिला और दूसरे व्यक्ति को सरेआम पीटता हुआ दिखाई दे रहा है और भीड़ उसे देख रही है। इस वीडियो ने लोगों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है और ममता बनर्जी सरकार की तीखी आलोचना की है। भाजपा और सीपीएम ने तृणमूल सरकार पर निशाना साधा है और राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति और ‘कंगारू’ अदालत के बीच समानताएं बताई हैं।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि मुख्य आरोपी तजीमुल का स्थानीय तृणमूल विधायक हमीदुर रहमान से संबंध है। विधायक ने आरोपी से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि यह गांव का मामला है और पार्टी से इसका कोई संबंध नहीं है।
पता चला है कि वीडियो में दिख रही महिला विवाहेतर संबंध के बाद एक आदमी के साथ भाग गई थी। विधायक ने उसे “चरित्रहीन” बताया, जबकि यह स्वीकार किया कि “सज़ा बहुत ज़्यादा थी।”
मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज मीडिया से कहा कि पश्चिम बंगाल अब “तालिबान शासन” के अधीन है। उन्होंने कहा, “चाहे संदेशखली हो या चुनावी हिंसा या बलात्कार या हत्या, यह सब ममता बनर्जी की जिम्मेदारी है। राज्य का गृह मंत्रालय आपके अधीन है और कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, आपको इस्तीफा दे देना चाहिए।”
श्री भाटिया ने कहा कि आरोपी तजेमुल तृणमूल का नेता है। “वह आदतन अपराधी है। वह त्वरित न्याय, कंगारू कोर्ट न्याय में विश्वास करता है और इसे इंसाफ सभा कहता है।”
सीपीएम ने भी इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया है। सीपीएम के राज्य सचिव और पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम ने कल ट्वीट किया, “कंगारू कोर्ट भी नहीं! @AITCofficial के गुंडे जेसीबी द्वारा संक्षिप्त सुनवाई और सज़ा दी गई। @MamataOfficial के शासन में चोपड़ा में सचमुच बुलडोजर न्याय हुआ।”
सलीम ने यह भी कहा कि वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को अब उसके घर से निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा, “चोपड़ा के मुक्त क्षेत्र में @WBPolice की निगरानी में टीएमसी का शासन ऐसा ही है।” सीपीएम नेता ने आरोप लगाया कि तजीमुल एक वामपंथी नेता की हत्या का भी आरोपी है।
तृणमूल और भाजपा दोनों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल में “सुवेंदु मॉडल” जारी है। उन्होंने कहा, “हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं, बंगाल में न्याय का मजाक उड़ रहा है। सौजन्य: @MamataOfficial और @abhishekaitc @SuvenduWB मॉडल जारी है।”