लोकसभा में निर्मला सीतारमण का मुंहतोड़ जवाब इंटरनेट पर छा गया है। यह तब हुआ जब राहुल गांधी ने बजट से पहले होने वाले पारंपरिक ‘हलवा’ समारोह और इस प्रक्रिया में विविधता की कमी का जिक्र किया – इसकी तैयारी में दलितों, अन्य पिछड़ा वर्गों, आदिवासियों की अनुपस्थिति।
भाजपा ने विपक्ष के नेता पर सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी की कथित उपेक्षा की आलोचना करने पर पलटवार करते हुए दावा किया कि कांग्रेस का इतिहास इन समुदायों के लिए “आरक्षण में बाधा डालने के उदाहरणों से भरा पड़ा है”। इसने कांग्रेस पर “हिंदू विरोधी” होने का भी आरोप लगाया।
श्री गांधी ने ‘हलवा’ समारोह की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि देश का बजट तैयार करने में 20 अधिकारियों ने काम किया और उनमें से केवल एक अल्पसंख्यक समुदाय से था और एक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से था।
श्री गांधी ने कहा, “20 अफसरों ने भारत का बजट तैयार किया है, जिसमें सिर्फ एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी है। बजट का हलवा बांटा जा रहा है, लेकिन देश के 73 फीसदी लोग इसमें शामिल नहीं हैं।”
इस पर वित्त मंत्री ने अपने हाथ चेहरे पर रख लिए। इसके बाद उन्होंने असहमति जताते हुए सिर हिलाया।
कांग्रेस नेता की प्रतिक्रिया से वे अनभिज्ञ नहीं रहे।
श्री गांधी ने कहा, “वित्त मंत्री हंस रहे हैं। यह बहुत आश्चर्यजनक है। यह हंसी का विषय नहीं है, मैडम। यह जाति जनगणना के बारे में है। इससे देश बदल जाएगा।”
श्री गांधी ने दावा किया कि बजट का एकमात्र उद्देश्य बड़े व्यवसायों, लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने वाले राजनीतिक एकाधिकार और डीप स्टेट या एजेंसियों के ढांचे को मजबूत करना है।
जवाबी कार्रवाई करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने राजीव गांधी फाउंडेशन के बोर्ड सदस्यों की एक्स तस्वीरें पोस्ट कीं, जिनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम शामिल थे, और पूछा कि उनमें से कौन ओबीसी, एससी और एसटी श्रेणियों से संबंधित हैं।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “राजीव गांधी फाउंडेशन बोर्ड आपके अवलोकनार्थ है। कांग्रेस और उसकी ट्रोल सेना के उपयोग के लिए ओबीसी, एससी और एसटी की पहचान करें।” इसके साथ ही उन्होंने फाउंडेशन की वेबसाइट का एक स्क्रीनशॉट भी पोस्ट किया, जिसमें बोर्ड के सदस्यों को दिखाया गया है।
भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आजादी के बाद से ही “एससी/एसटी और ओबीसी विरोधी” रही है।
श्री मालवीय ने कहा, “यह कांग्रेस ही थी जिसने 1957 में (पिछड़ा आयोग के लिए) केलकर समिति की सिफारिश को तब तक ठंडे बस्ते में रखा जब तक कि पीएम मोदी ने 2018 में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दे दिया, वह भी कांग्रेस के विरोध के बावजूद।”
राहुल गांधी ने महाभारत से तुलना करते हुए बजट को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला किया और कहा कि देश में भय का माहौल है। उन्होंने भाजपा के प्रतीक कमल का जिक्र करते हुए कहा कि देश अब “कमल के चक्रव्यूह” में फंस गया है।