Where will the Congress government in Telangana get the resources to fulfill its promises, read The Hindu editorial of January 1 | The Hindu हिंदी में: तेलंगाना में कांग्रेस सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए संसाधन कहां से लाएगी, पढ़‍िए 1 जनवरी का एडिटोरियल


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3 मिनट पहले

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मौजूदा स्थिति
तेलंगाना में नई सरकार बनने के बाद प्रशासन पहली बार आम लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुन रहा है। इनमें दूर दराज के इलाके भी शामिल हैं।

लोगों के घरों तक अपने संपर्क को पहुंचाने के लिए कांग्रेस की नई सरकार ने प्रजा पालन (लोगों का शासन) योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ए. रेवंथ रेड्डी ने 8 कामकाजी दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा की, जो 6 जनवरी तक चलेगा।

इस कार्यक्रम के तहत अधिकारियों को हर रोज कम से कम दो ग्राम सभाओं में जाकर एक तय फॉर्मेट में लोगों से आवेदन इकठ्ठा करने हैं। प्रजा पालन के माध्यम से, सरकार लोगों की शिकायतों को जानने और एक व्यापक डेटाबेस बनाने की कोशिश कर रही है। सरकार का मानना है कि इससे उसे जमीनी स्तर पर लोगों की जरूरतों को समझने और उसके आधार पर शासन चलाने में मदद मिलेगी।

इस योजना के माध्यम से सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाए जा रहे जन कल्याण की योजनाओं का लाभ उचित लाभार्थियों तक पहुंच रहा है। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने मतदाताओं को जन कल्याण से जुड़ी 6 गारंटी दी थी। कांग्रेस ने महिला लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की आर्थिक मदद और 500 रुपये प्रति LPG सिलेंडर देने का वादा किया था।

रयथु भरोसा योजना के तहत हर किसान को हर साल प्रति एकड़ 15,000 रुपये और प्रति क्विंटल धान पर 500 रुपये का बोनस मिलना है। कृषि मजदूरों को हर साल 12,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। सभी घरों को गृह ज्योति योजना के तहत हर महीने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को घर बनाने के लिए 5 लाख रुपये की मदद और तेलंगाना आंदोलन में शामिल परिवारों को इंदिरम्मा इंद्लु योजना के तहत 250 वर्ग जमीन दी जाएगी। बुजुर्ग नागरिकों, अविवाहित महिलाओं और विधवाओं को हर महीने 4,000 मासिक पेंशन और राजीव आरोग्य श्री योजना के तहत मेडिकल जरूरतों के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।

पुराने अविभाजित आंध्र प्रदेश में भी प्रजा पालन जैसी योजनाएं चलाई गई थीं। पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू लोगों से संपर्क करने के लिए जन्मभूमि योजना को कई सालों तक चलाते रहे। इसी तरह, वाई. एस. राजशेखर रेड्डी कैंप दफ्तर को हर सुबह आम लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए खोल देते थे।

माना जाता है कि भारत राष्ट्र समिति (BRS) की पिछली सरकार लोगों की पहुंच से बाहर थी। हालांकि, उन्होंने भी जन कल्याण की योजनाएं लागू की थीं। ऐसे भी आरोप लगते रहे हैं कि के. चंद्रशेखर राव अपने ही कैबिनेट के सदस्यों और उच्च अफसरों से नहीं मिलते थे। ऐसे में जनता से उनका संपर्क न के बराकर था।

इसके उलट, रेवंथ रेड्डी ने प्रगति भवन, जो कि उनका घर और दफ्तर है, वहां से सभी बैरिकेड हटाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस परिसर का नाम बदलकर महात्मा ज्योति राव फुले प्रजा भवन कर दिया है।

प्रजा पालन योजना के चालू होने के साथ ही हर सरकारी समूह रोज दो ग्राम या वार्ड में प्रतिदिन जाकर लोगों के आवेदन इकठ्ठा कर रहे हैं। यह अभ्यास पूरे राज्य के शहरी नगरपालिका क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने चुने हुए प्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारी की मौजूदगी को अनिवार्य कर दिया है जिससे लोगों के बीच यह भरोसा पैदा किया जा सके कि उनकी समस्याओं को सुलझाया जाएगा।

BRS ने इस योजना की आलोचना करते हुए कहा है कि, कांग्रेस के नेता जानकारी इकट्ठा करने के नाम पर लोकसभा चुनाव में राजनीतिक फायदे के लिए किए गए वादों को लागू करने में देरी कर रहे हैं।

आलोचना को भूल भी जाएं तब भी, राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, कांग्रेस सरकार के लिए सभी गारंटी को पूरा करना एक बहुत बड़ा काम है। यह वादे ऐसे समय में किए गए हैं जब तेलंगाना के पास संसाधन जुटाने के बहुत सीमित उपाय हैं। संसाधन जुटाने के लिए नए टैक्स और ड्यूटी लागू करना तुरंत संभव नहीं होगा।

इस साल के 2.9 लाख करोड़ के बजट में 22,407 करोड़ कर्ज चुकाने में चले जाएंगे। ऐसे में, नई सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए संसाधन कैसे जुटाएगी यह देखना बाकी है।

लेखक : एम. राजीव

स्रोत : हिन्दू

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